ATM New Rules: अगर आप एटीएम से नकद निकालते हैं या बैलेंस चेक करते हैं, तो नए नियम जानना आपके लिए काफी जरूरी है। 1 अगस्त से एटीएम लेन-देन से जुड़े कई बदलाव लागू हो चुके हैं, जिनका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ेगा। अक्सर लोग पुराने नियमों के हिसाब से एटीएम इस्तेमाल करते हैं, जिससे कार्ड ब्लॉक होना या अनावश्यक शुल्क लगना जैसी परेशानी हो जाती है।
अब अपने बैंक के एटीएम से महीने में केवल 5 बार ही निशुल्क ट्रांजैक्शन कर पाएंगे। यदि आप मेट्रो शहर में रहते हैं और किसी दूसरे बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करते हैं, तो केवल 3 बार फ्री ट्रांजैक्शन की सुविधा मिलेगी। वहीं नॉन-मेट्रो क्षेत्रों में यह सीमा 5 बार की है। तय सीमा के बाद हर बार लेन-देन पर शुल्क देना होगा, चाहे वह कैश निकालना हो या सिर्फ बैलेंस चेक करना।
शुल्क में वृद्धि
पहले जहां मुफ्त लिमिट के बाद ₹21 प्रति ट्रांजैक्शन शुल्क लिया जाता था, अब इसे बढ़ाकर ₹23 कर दिया गया है। साथ ही इस पर GST भी लगेगा। यह चार्ज सिर्फ नकद निकासी पर नहीं, बल्कि बैलेंस इन्क्वायरी जैसे नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर भी लागू रहेगा।
दैनिक निकासी सीमा में बदलाव
कई बड़े बैंकों ने एक दिन में एटीएम से कैश निकालने की अधिकतम सीमा भी घटा दी है। पहले सामान्य सेविंग अकाउंट धारक 25,000 रुपये प्रतिदिन निकाल सकते थे, अब यह सीमा घटाकर 20,000 रुपये कर दी गई है। प्रीमियम खातों में थोड़ा अधिक लिमिट मिल सकती है, लेकिन सामान्य खाताधारकों को अब प्लान बनाकर पैसे निकालने होंगे।
HDFC, PNB और IndusInd बैंक ने ग्राहकों को पहले ही इन बदलावों की सूचना दे दी थी। HDFC बैंक ने कहा है कि 1 अगस्त से हर अतिरिक्त एटीएम ट्रांजैक्शन पर ₹23 + टैक्स लिया जाएगा। PNB ने नॉन-PNB एटीएम से नकद निकालने पर ₹23 और नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर ₹11 का शुल्क तय किया है। SBI, ICICI और YES बैंक भी RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार अपने शुल्क अपडेट कर चुके हैं।
ग्राहकों के लिए सुझाव
बैंक अधिसूचनाओं को ध्यान में रखते हुए यह बेहतर होगा कि ग्राहक बार-बार एटीएम का उपयोग न करें। अधिक ट्रांजैक्शन से बचने के लिए UPI, मोबाइल बैंकिंग या नेट बैंकिंग जैसी डिजिटल सेवाओं का इस्तेमाल बढ़ाएं। नकद निकालना जरूरी हो, तो एक बार में पर्याप्त रकम निकाल लें ताकि अतिरिक्त चार्ज न देना पड़े।